1905 में बने डाक बंगले में नानौता चीनी मिल ने बना डाला गन्ना तौल सेंटर-पुरातत्व विभाग बेखबर....
सहारनपुर:समन्वयक "विरासत" शोभित विश्वविद्यालय ने जानकारी देते हुए बताया कि नानौता ब्लॉक के गांव टिकरोल में लगभग 115 वर्ष पुरानी धरोहर "डाक बंगले" को नानौता चीनी मिल के द्वारा गन्ना तौल सेंटर बना दिया गया है।1905 में बने इस बेहद खूबसूरत डाक बंगले के चारों ओर आज गन्ना ही गन्ना पड़ा हुआ है और यह सुंदर डाक बंगला खुर्द बुर्द हालत में पहुंच चुका है।उन्होंने बताया कि लगभग 115 वर्ष पुरानी इस ऐतिहासिक धरोहर को संजोए रखने में पुरातत्व विभाग विफल साबित होता नजर आ रहा है-सरकार एक ओर तो ऐतिहासिक धरोहरों को बचाने के लिए अभियान चलाए हुए हैं वहीं दूसरी ओर सरकार के कर्मचारी ही सरकार के आदेशों की अवहेलना कर रहे हैं।उन्होंने कहा की इस डाक बंगले का सौंदर्य करण कर सरकार इसमें पार्क बना सकती है लेकिन पुरातत्व विभाग और सरकार की लापरवाही के कारण कुछ समय पश्चात इस ऐतिहासिक धरोहर का नामोनिशान ही मिट जाएगा।
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1905 में बने डाक बंगले में नानौता चीनी मिल ने बना डाला गन्ना तौल सेंटर-पुरातत्व विभाग बेखबर.... सहारनपुर:समन्वयक "विरासत" शोभित विश्वविद्यालय ने जानकारी देते हुए बताया कि नानौता ब्लॉक के गांव टिकरोल में लगभग 115 वर्ष पुरानी धरोहर "डाक बंगले" को नानौता चीनी मिल के द्वारा गन्ना तौल सेंटर बना दिया गया है।1905 में बने इस बेहद खूबसूरत डाक बंगले के चारों ओर आज गन्ना ही गन्ना पड़ा हुआ है