गोमतीनगर पुलिस ने विवाद के कारण एक कार को खाने में जबरन खड़ी करा लिया और उस महंगी कार को खुद इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गाड़ी में जीपीएस लगा हुआ था 1 दिन गाड़ी मालिक ने जीपीएस पर ध्यान डाला तो गाड़ी थाने के बजाय लखीमपुर खीरी की सड़कों पर दौड़ती नजर आ रही थी मालिक को शंका हुई कहीं गाड़ी चोरी तो नहीं हो गई थाने से ही तुरंत ही मालिक ने जीपीएस का इस्तेमाल किया और अपनी गाड़ी के इंजन को लॉक कर दिया जैसे ही गाड़ी लोक हुई वह उसी जगह सड़क पर ही खड़ी हो गई इससे आगे क्या हुआ देखिए इंस्पेक्टर की क्या हालत हुई और उसे क्या सजा मिली देखे आंखों देखे अपराध पर

*गोमतीनगर पुलिस ने विवाद के कारण एक कार को खाने में जबरन खड़ी करा लिया और उस महंगी कार को खुद इस्तेमाल करना शुरू कर दिया गाड़ी में जीपीएस लगा हुआ था 1 दिन गाड़ी मालिक ने जीपीएस पर ध्यान डाला तो गाड़ी थाने के बजाय लखीमपुर खीरी की सड़कों पर दौड़ती नजर आ रही थी मालिक को शंका हुई कहीं गाड़ी चोरी तो नहीं हो गई थाने से ही तुरंत ही मालिक ने जीपीएस का इस्तेमाल किया और अपनी गाड़ी के इंजन को लॉक कर दिया जैसे ही गाड़ी लोक हुई वह उसी जगह सड़क पर ही खड़ी हो गई इससे आगे क्या हुआ देखिए इंस्पेक्टर की क्या हालत हुई और उसे क्या सजा मिली देखे आंखों देखे अपराध पर मालिक ने आपलखीमपुर में दौड़ रही थी गोमतीनगर थाने में खड़ी कार, जीपीएस से लॉक किया इंजन, इंस्पेक्टर नपे*



गोमतीनगर थाने में खड़ी अपनी एसयूवी के लखीमपुर में दौड़ता देखकर कार मालिक ने जीपीएस से गाड़ी का इंजन लॉक कर दिया। बीच रास्ते में कार के खड़ी होते ही उसमें सवार पुलिसकर्मियों के पसीने छूट गए। आलाधिकारियों ने इसकी सूचना मिलने पर एसयूवी मालिक से बात कर इंजन अनलॉक कराया और तब जाकर पुलिस टीम लखनऊ पहुंच सकी। थाने में खड़ी कार के लखीमपुर में दौड़ने की यह कहानी सोशल मीडिया पर वायरल गई। इसके चलते एक इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर होने की सजा भी भुगतनी पड़ी



सहायक पुलिस आयुक्त गोमतीनगर संतोष कुमार सिंह ने बताया कि मानस एन्क्लेव निवासी कारोबारी आदित्य श्रीवास्तव और उसके परिचित संजय सिंह के बीच कार खरीदने को लेकर मंगलवार रात को विवाद हुआ था। आदित्य ने तीन साल पहले कार ली थी जिसे कुछ महीने पहले संजय को बेच दिया। दोनों के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर विवाद चल रहा था।


बुधवार रात आदित्य अपने दोस्त अखंड सिंह की एसयूवी से गोमतीनगर स्थित एसआरएस मॉल के पास पहुंचा जहां संजय भी मौजूद था। आदित्य ने संजय से अपनी कार वापस ले ली। इसे लेकर दोनों पक्ष में फिर झगड़ा हुआ। हंगामा होते देख एसआरएस चौकी प्रभारी उमेश कुमार सिंह दोनों पक्ष को कार समेत थाने ले आए। देर रात पंचायत के बाद दोनों पक्षों ने समझौता कर लिया।


पुलिस ने आदित्य की कार तो छोड़ दी लेकिन अखंड की कार थाने में ही खड़ी करा ली। अखंड का कहना है कि उसकी कार पिता राजेंद्र कुमार सिंह के नाम पर है। कार में जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। बृहस्पतिवार सुबह उसने मोबाइल फोन पर कार का जीपीएस ट्रैकर ऑन किया तो चकरा गया। उसकी कार लखीमपुर में नजर आ रही थी। उसका कहना है कि उसे लगा कार थाने से चोरी हो गई है, इसलिए तुरंत इंजन लॉक कर दिया। 


इससे पहले वह पुलिस को फोन करता, पुलिस अधिकारियों ने खुद उससे संपर्क किया और कार को सरकारी काम के सिलसिले में लखीमपुर भेजने की जानकारी दी। अधिकारियों ने उससे कार का इंजन अनलॉक करने को कहा। अधिकारियों के आग्रह पर अखंड ने कार को अनलॉक किया। शाम को यह मामला सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय को गोमतीनगर पुलिस की इस कारस्तानी का पता चला तो वह भड़क उठे और इंस्पेक्टर को लाइन हाजिर कर दिया।



पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिस टीम यहां अलकनंदा अपार्टमेंट में बीटेक छात्र प्रशांत सिंह की हत्या के मामले में लखीमपुर जेल में बंद मुख्य आरोपी अर्पण शुक्ला उर्फ टाइगर व एक अन्य युवक के बयान लेने गई थी। टीम बुधवार रात ही लखीमपुर के लिए रवाना हो गई थी।


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