सभी का मत चहता हुँ। भाई बात ठीक है आपकी सब लोग अपना मत भी देगें परंतु आप जो बात लिख रहे हो उसका कोई सबूत है वह भी  प्रकट करना चाहिए हो सकता है आपकी बात सच हो परंतु आज जनता को हर बात पर सबूत की जरूरत पड़ती है और जब तक वो खुद नहीं भुगत लेते तब तक मानने को तैयार नहीं होते हैं मैं क्या कह रहा हूं इसको अच्छी तरह समझ कर पढ़ने के बाद जवाब देना

सभी का मत चहता हुँ। भाई बात ठीक है आपकी सब लोग अपना मत भी देगें परंतु आप जो बात लिख रहे हो उसका कोई सबूत है वह भी  प्रकट करना चाहिए हो सकता है आपकी बात सच हो परंतु आज जनता को हर बात पर सबूत की जरूरत पड़ती है और जब तक वो खुद नहीं भुगत लेते तब तक मानने को तैयार नहीं होते हैं मैं क्या कह रहा हूं इसको अच्छी तरह समझ कर पढ़ने के बाद जवाब देना


15 करोड लोगों को ये सिखाया जा रहा है की जब भारत देश की सेना दुश्मनों से लड़ रही होगी तो उनको रसद और हथियार पहुंचाने वाले साधन चाहे वो रेल हो, वायुयान हो या ट्रक आदी हो उसे रास्ते मे ही उड़ा दिया जाये , रोडे अटकाये जायें जिससे दुश्मन हमारी सेनाओं को परास्त कर सके और फिर दुश्मन और ये मिलकर हम पर कोहराम मचाये । आप उनके विचार सुन लेंगे तो खून खौल जायेगा और अपना भविश्य भय के साये मे जाते दिखेगा । 


उनकी तैयारियों का जवाब देने का मानस बना लिया है। जवाब कैसे देना ये इजराइल से सीख लेना होगा ,शिवाजी महाराज, रंजीत सिंह, हरि सिंह नल्वा, जोरावर सिंह , कृष्ण , चाणक्य की जीवनी से प्रेरणा लेकर और आज नही अभी से तैयारी करना चालू कर दें । सेना और पुलिस , अर्ध सैनिक दल अपनी जगह हैं लेकिन हम सब भी सैनिक की भाँति अपनी और अपने परिवार और मोहल्ले वालों की रक्षा कर पायें , सेना पुलिस को मदद कर पायें और आवस्यकता पडने पर ऐसे देश द्रोहियों को भी सबक सिखा सके । 


मैने भी पत्थर चलाने का अभ्यास प्रारंभ कर दिया है, लाठी भांजने का अभ्यास का प्रशिक्षण पूर्व मे लिया था उसी को वापस प्रारम्भ कर दिया है ,  घर मे खौलता हुआ गरम पानी की व्यवस्था कर ली है, पैट्रोल घर मे रखना प्रारम्भ कर लिया है । त्रिशूल दिक्षित हो रहा हुँ । तलवार और धारदार हथियार अब रखने के साथ चलाने का अभ्यास भी कर रहा हुँ, ढाल भी मंगाने का मन बनाया है । मेरी सोच किसी पर वार करने की नही है पर आत्म रक्षा तो मेरा धर्म है और राष्ट्र की रक्षा मेरा कर्तव्य और राष्ट्र धर्म है विशेष कर जो कश्मीर और अभी दिल्ली मे देखा उससे बहुत बड़ी शिक्षा मिली है । 


तक्षक की भाँति अपनी आहुति देने का मन बनाया है । मुल्तान जो हमारा मूलस्थान था और विष्णू भगवान ने नरसिंह अवतार वहीं लिया था उस स्थान पर पुन: हृन्यकश्यप रूपी राक्षशों का पेट चीर कर पुन: विश्व पटल पर दुर्जनो का सफाया हो जाये और उसमे मेरी भी भूमिका हो । 
और भी बहुत अध्ययन चल रहा है अपनी आत्म रक्षा के उपायों की और धर्म ( जो धारण करना चाहिये ) की रक्षा के लिये । मै प्रशिक्षन देना और लेना चहता हुँ । आज से ही । जय हिन्द ।


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