चरण कमल गुरुदेव की पूजू मन चित लाई सरधा सहित बन्दन करूं जो आवा गमन मिट जाए
है साहब हरे कृष्णा कृष्णा कृष्णा हरे हरे हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे दो ही रहा संसार में फिक्र जिक्र भरपूर जो फिक्र करे संसार का हो माया पति से दूर जो जिक्र करे नित सत्य का उसकी फिक्र करे नभ सुर दूरी करो संसार से बैठो निज ब्रह्मांड काया माया व्यापे नहीं बस रहे सत्य का ध्यान ख्याल करो निज आत्म का वोही राखे सबका ख्याल दयाल वही एक जगत का बोलो हरे मुरार कि सब कुछ उसी के बस में सब कुछ उसी के बस में अब तो भजलो कृष्ण मुरार बोले जो सब घट घट में हरि ॐ तत्सत ॐ तत्सत ॐ