क्या चीन के लिए पाकिस्तान मात्र एक प्रयोगशाला है और पाकिस्तान के हुक्मरानों के लिए इमरान खान पाकिस्तान प्राइम मिनिस्टर के लिए पाकिस्तान की जनता कोई मायने नहीं रखती जिसे वह जब चाहे चीन को प्रयोग के लिए दे देता है और यह प्रयोग तो इतना खतरनाक है सफल हुआ कोई समय पाकिस्तान को कोई शाबाशी नहीं मिलेगी परंतु असफल हुआ तो भुगतनी मात्र पाकिस्तान की जनता को पड़ेगी इसमें पाकिस्तान की जनता तो हर तरह से एक बेचारी चीज हो गई है क्या चीन पाकिस्तान की मजबूरी को भुना रहा है या फिर पाकिस्तान की सरकार के लिए वहां की जनता कोई मायने नहीं रखती यह तो पाकिस्तान की जनता कि खुद का सोचने का विषय है

क्या चीन के लिए पाकिस्तान मात्र एक प्रयोगशाला है और पाकिस्तान के हुक्मरानों के लिए इमरान खान पाकिस्तान प्राइम मिनिस्टर के लिए पाकिस्तान की जनता कोई मायने नहीं रखती जिसे वह जब चाहे चीन को प्रयोग के लिए दे देता है और यह प्रयोग तो इतना खतरनाक है सफल हुआ कोई समय पाकिस्तान को कोई शाबाशी नहीं मिलेगी परंतु असफल हुआ तो भुगतनी मात्र पाकिस्तान की जनता को पड़ेगी इसमें पाकिस्तान की जनता तो हर तरह से एक बेचारी चीज हो गई है क्या चीन पाकिस्तान की मजबूरी को भुना रहा है या फिर पाकिस्तान की सरकार के लिए वहां की जनता कोई मायने नहीं रखती यह तो पाकिस्तान की जनता कि खुद का सोचने का विषय है**चीन की 'चाल' में फंस गया पाकिस्तान! कोरोना काल में* इमरान का देश बन गया 'डेडली लैब *'*नई दिल्ली:* कोरोना (Coronavirus) काल में भी चीन कैसे पाकिस्तान को अपने जाल में उलझा रहा है. ऐसा लगता है जैसे चीन के लिए पाकिस्तान गिनी पिग बन चुका है. यानि वो मुल्क जहां चीन कोरोना के वैक्सीन की टेस्टिंग करेगा. जाहिर है कि अगर टेस्ट कामयाब रहा तो वाहवाही चीन की होगी लेकिन इसका खतरा उठाएगी पाकिस्तानी सरकार


पाकिस्तान का टीवी चैनल दावा कर रहा है कि चीन ने कोरोना के खिलाफ वैक्सीन की इजाद कर ली है और वैक्सीन के टेस्ट के लिए चुना है पाकिस्तान के लोगों को. दुनिया को जब ये बता चला कि कोरोना का इलाज चीन ने ढूंढा तो हर किसी ने राहत की सांस ली होगी. लेकिन जैसे ही टेस्टिंग लोकेशन का पता पाकिस्तान के नाम दर्ज हुआ, वैसे ही लग गया कि दाल में कुछ काला है, क्योंकि चीन को अपनी वैक्सीन पर अगर ठीक-ठीक भरोसा भी होता तो चीन इसे अपने लोगों पर ही पहले परखता. उसके बाद ही पाकिस्तान या दुनियाभर में अपने दोस्त मुल्कों तक इसे पहुंचाता. लेकिन चीन की चालाकी और दूसरी तरफ पाकिस्तान की लाचारी या नासमझी एक बार फिर पूरी दुनिया के सामने है.पाकिस्तान वो देश बन चुका है जो अपने लोगों की जिन्दगी तक बचाने के लिए उस देश पर निर्भर हो गया है जिसने पूरी दुनिया में मौत बांटी है.हैरानी की बात ये भी है कि इस टीवी चैनल पर सादिया अफजल नाम की जिस मोहतरमा ने इस बात की जानकारी दै, वो पाकिस्तान के मंत्री की पत्नी हैं. उन्होंने ये बताया कि चिट्ठी के अनुसार इस पूरी घटना में लगभग 3 महीने का वक्त लगेगा. लेकिन क्या होगा अगर ये वैक्सीन फेल हुई? उस बारें में ना ये चिट्ठी बता रही है ना सादिया अफजल.आपका ये जानना जरूरी है कि पूरी दुनिया में वैक्सीन टेस्ट को लेकर बहुत वक्त लिया जाता है. दुनियाभर के साइंसदानों के बीच बातें होती हैं. रणनीति बनती है और फिर सालों की रणनीति के बाद इस तरह की वैक्सीन टेस्ट की इजाजत दी जाती है, लेकिन चीन की जल्दबाजी पाकिस्तान में लोगों की जिंदगी को जहन्नूम बना सकती है. इस टेस्ट के फेल होने के क्या परिणाम होंगे, ये दुनिया अभी सोच भी नहीं सकती.


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