यूपी पुलिस के अद्भुत कारनामे मर्तक पर दर्ज कर दी एफ आई आर 4 सीट नोटिस भी थमाया मेहरबान खान

 *यूपी: मृतक पर रिपोर्ट, चार्जशीट लगाई, नोटिस भी थमा आई, गिरफ्तार करने पहुंची तब हुआ खुलासा*



पुलिस यूं ही नहीं बदनाम! उसका नया कारनामा देखिए... मरे व्यक्ति के नाम पर बिजली चोरी की एफआईआर दर्ज की। विवेचना के बाद कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल कर दिया। यही नहीं, विवेचक महोदय मृतक के हस्ताक्षर से मुकदमे का नोटिस भी तामील करा आए। आरोपी कोर्ट में हाजिर नहीं हुआ तो गैर जमानती वारंट किया गया।


इस पर पुलिस उसे गिरफ्तार करने घर पहुंच गई। यहां खुलासा हुआ कि एफआईआर दर्ज होने के तीन साल पहले ही आरोपी चल बसा। पुलिस की इस लापरवाही को गंभीरता से लेते हुए ईसी एक्ट के विशेष न्यायाधीश मोहम्मद शफीक ने विवेचक को तलब कर एसएसपी और जिला जज को भी पत्र लिखा है।


केस्को के जेई संजय त्रिवेदी ने आदर्श नगर तिवारीपुर निवासी कृष्ण कुमार त्रिवेदी के खिलाफ 23 जनवरी 2019 को चकेरी थाने में बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। एसआई मानसिंह को विवेचना मिली तो उन्होंने चार जून 2019 को कृष्णकुमार के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में भेज दी और सीआरपीसी की नोटिस भी तामील करा दी।


नोटिस पर कृष्ण कुमार के हस्ताक्षर भी बनवाए गए। कोर्ट के समन पर कृष्ण कुमार हाजिर नहीं हुआ तो गैरजमानती वारंट जारी हो गया। वारंट लेकर जब पुलिस उसे गिरफ्तार करने घर पहुंची तो उनकी बेटी ने बताया कि कृष्ण कुमार की पांच अगस्त 2016 को ही मौत हो चुकी है।


कोर्ट में पैरोकार ने बेटी के बयान और कृष्ण कुमार के मृत्यु प्रमाणपत्र सहित रिपोर्ट पेश की। इस पर कोर्ट ने मरे व्यक्ति के नाम पर एफआईआर, चार्जशीट और मृतक के हस्ताक्षर वाली नोटिस तामीली को गंभीर अपराध मानते हुए विवेचक को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही मामले को मॉनीटरिंग सेल की मीटिंग में एसएसपी के सामने रखने के लिए जिला जज को भी पत्र लिखा है।


स्पष्ट है कि विवेचक ने बिना विवेचना चार्जशीट कोर्ट भेज दी। चार्जशीट भेजने पर कानूनन सीआरपीसी की धारा 41 (क) के तहत नोटिस देकर आरोपी को भी इसकी सूचना दी जाती है। इस नोटिस पर भी विवेचक ने कृष्ण कुमार के हस्ताक्षर बना दिए। इससे विवेचक की घोर लापरवाही उजागर हुई - कैलाश शुक्ला, एडीजीसी

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