शामली सेंट आरसी स्कूल फादर्स डे उपलक्ष में ऑनलाइन ग्रीटिंग कार्ड बनाना सिखाते हुए

 जिस प्रकार भगवान से पहले गुरु का दर्जा आता है इसी प्रकार पिता जीवन जीने के मौलिक मूल्य एव आदर्श सिखाते हैं


                                       (रिपोर्ट फिरोज खान) दिनांक 21/06/2021 को जिस प्रकार भगवान से पहले गुरु का दर्जा आता है क्योंकि वह पाठशाला में शिशु को ज्ञान अर्जित कराते हैं, इसी प्रकार पिता जीवन जीने के मौलिक मूल्य एवं आदर्श सिखाते हैं कुछ कहे बिना हमेशा ही हम उनका अनुसरण करते हैं और मन में सदैव यह भाव होते हैं कि मैं भी पापा की तरह यह करूं। इस प्रकार स्व्य्म् से ही पिता शिशु के आदर्श बन जाते हैं, जिस प्रकार शिशु ज्ञान अर्जन के लिए पाठशाला जाता है, शरीर को हष्टपुष्ट करने के लिए व्यायाम शाला जाता है, ठीक इसी प्रकार आदर्श और मूल्य को सीखने और जानने के लिए पितृशाला में सदैव वास करता है, पिता के सानिध्य को शिशु स्वयं को दुनिया की सबसे महफुज स्थान समझता है और कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र रहता है। पापा शब्द अपने आप में संपूर्ण शब्द है, पिता को सदैव प्रत्येक पुत्र एवं पुत्री सम्मान और गर्व की दृष्टि से देखते हैं फादर्स-डे के दिन ही यह सम्मान हो यह जरूरी नहीं हमेशा उनका सम्मान हमारे भाव में बना रहता है। उक्त उद्गार सेंट आरसी स्कूल शामली में फादर्स-डे के अवसर पर आयोजित आॅन-लाइन पितृ दिवस पर ग्रीटिंग कार्ड बनाने की कार्यशाला में बच्चों को सम्बोधित करते हुए निवर्तमान चेयरमैन अरविंद संगल ने व्यक्त किए इस दिन बच्चे अपने पिता के प्रति अपने आदर को तरह-तरह के माध्यम से दर्शाते है। स्कूल के प्रधानाचार्य श्री रविन्द्र पाल मलिक ने छात्र/छात्राओं को फादर्स-डे के विषय में जानकारी प्रदान करते  हुए कहा कि फादर्स-डे जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाता है। फादर्स-डे पर बच्चे अपने पिता के प्रति अपनी कृतज्ञता को दर्शाते है। जिससे बच्चों और पिता के संबध अधिक गहरे होते है। हर बच्चे के जीवन में उनके पिता का विशेष स्थान होता है, पिता ही वो पहला आदमी होता है जिसे बच्चे देखते है, उनका हाथ पकड़कर चलना सीखते है। पहली बार उनके साथ स्कूल जाते है, जिनके पास पिता नहीं होते वे उनकी कमी को अच्छे से समझ सकते है। पिता एक कत्र्तव्यनिस्ठ व्यक्ति है। उनके जीवन और अनुभवों से प्रेरणा लेकर जीवन के सभी संघर्ष को आसानी से झेला जा सकता है। अतः संतान का कत्र्तव्य है कि वो पिता का सम्मान करे और उनके द्वारा किये गये त्याग और संघर्ष ध्यान में रखकर पिता के प्रति आने कत्र्तव्यो का पूरी निष्ठा के साथ पालन करें। यही फादर्स-डे पर अपने पिता के प्रति कृतज्ञता प्रकट करने का सही तरीका है। पिता-विशेष-ग्रिटिंग कार्ड कार्यशाला में कक्षा चार व पाँच के बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, कार्यक्रम संचालिका श्रीमति रिचाआर्य ने बच्चों को पहले दो दिन की वर्कशाप में कार्ड बनाना सिखाया तीसरे दिन पितृ-दिवस के अवसर पर बच्चों ने पिता-विशेष ग्रिटिंग कार्ड बनाकर,कार्यशाला,में,प्रस्तुतीकरण,किया,इस,ऑनलाइन कार्यशाला में कक्षा 4 एवं कक्षा 5 के अंशी, अनमोल, अनिस्का, अर्पण चैहान आर्यन, दक्ष अहलावत, देवांशी, दिव्या गर्ग, खुशी, अर्थव, माही, निकुंज, प्रज्ञा, उत्कर्ष, वंशिका, वरदान, यश और यशी नामदेव आदि ने उत्साहपूर्वक भाग लेकर पिता के प्रति अपने प्यार एवं सम्मान को प्रदर्शित किया। इस प्रतियोगिता में कक्षा 5 की देवांशी कौशिक ने प्रथम, कक्षा 4 की यशी नामदेव ने द्वितीय एवं कक्षा 5 के मौ. आयाज एवं खुशी शर्मा ने तृतीय स्थान प्राप्त कर अपनी कला का उच्चतर प्रदर्शन किया इस अवसर पर निशा, सुरक्षा, कविता संगल, आशा सेठ, स्वाति, भारती, रीना, मीनाक्षी, प्रतिभा सिंह, सरोज अरोरा, कुशाग्र, वेंकेटेश्वर वशिष्ट आदि अध्यापक एवं अध्यापिकाएँ उपस्थित रहें प्रधानाचार्य सैंट. आर. सी. काॅन्वेंट स्कूल,

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