मुजफ्फरनगर कानून बडा या समाजवादी युवक पिटता रहा पुलिस देखती रही मेहरबान खान

 *कानून बड़ा या समाजवादी..!!*



*पुलिस के सामने युवक पीटता रहा और पुलिस देखती रही,यह कैसी कानून व्यवस्था..??*


मुजफ्फरनगर। आज समाजवादी पार्टी का जो चहरा देखने को मिला वह वाकई में देखने योगय था!


क्योंकि यह समाजवादी के नाम पर अराजकता फैलाते हुए नजर आए!


*लेकिन इन्होंने यह नही समझा की जिस जनता या समाज के लिए लड़ने का दिखावा कर रहें हो उसी समाज को आप दर्द दे रहें हो!*


तो वही दूसरी ओर कानून व्यवस्था की भी खुली पोल 


जब समाज वादी के  नेता तहसील गेट पर हगामा व एक बाईक साईकिल स्टैंड वाले से अपनापा खोते हुए बहस कर रहें थे 


*तो वही पर खड़ी पुलिस कुछ समय के लिए मूकदर्शक बनकर सब देख रही थी कहने को तो कुछ लोग बदजुबा से कह रहे थे कि पुलिस के सामने यह सब होता रहा लेकिन कोतवाल से लेकर सिपाही तक यह नज़ारा देखते रहें* 


*और बाद में मुकदमा दर्ज कर अपनी पीठ थपथपाने का काम करते रहें क्योंकि उन्हें भी उच्चाधिकारियों को अपनी कार्यवाही व साबसी भरा काम जो दिखाना था!!*


तो वही दूसरा पहलू यह भी हैं कि समाजवादी पार्टी में उन नेताओं की कमी जरूर खली जो नेता जमीन से जुड़कर आमजन की परेशानियों को समझते थे और उनकी परेशानी का निस्तारण करवाते थे


अब तो समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता एक दूसरे को पटकनी देने के लिए किसी भी स्तर पर गिरे जा रहे हैं!


लेकिन जो आज हुआ वह नही होना चाहिए था!!


विरोध करने का सबको हक़ हैं लेकिन किसी को भी कानून व्यवस्था को हाथ में लेकर कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाना ऐसे नेताओं पर शोभा नहीं देता है!

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