पत्रकार सबको फ्रंट पर रखे उसका हाल कोई ना जाने छोटे कस्बों के पत्रकारों की कहानी इकबाल हसन

 देहात छोटे कस्बों के पत्रकारों की दर्द भरी कहानी

.पत्रकार के द्वारा चर्चित होना चाहते हैं,  सभी नेता हो या अधिकारी , सभी मुख पृष्ठ में आना चाहते हैं , सभी न्यूज़ के हेड लाइन में आना चाहते हैं , सभी अपने पक्ष की बात करना चाहते हैं , वह आशा करते हैं पत्रकार हमारी अच्छाईयां दिखाएं, पत्रकार की नैतिक जिम्मेदारी भी होती है और अगर वह अधिकारियों नेताओं की सुनता है तो पब्लिक रूठ जाती है, जनता पत्रकारों पर विश्वास करती है, उनका विश्वास उठने लगता है जब उनकी कोई नहीं सुनता, तब एक पत्रकार ही है जो उनकी पीड़ा सरकार के दफ्तरों तक सरकार के उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों तक मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक एक आम आदमी की आवाज को पहुंचाने का काम करता है, अगर बालू निकलने के खिलाफ लिखें तो अधिकारियों का मूड बिगड़ जाता है और माफिया जान के दुश्मन बन जाते हैं,समाज का हर तबका मीडिया से सिर्फ कवरेज चाहता है, वह यह कभी नहीं जानने की कोशिश करता की एक पत्रकार जो समाज मे रहकर पूरा समय समाचार कवरेज मे लगा देता है, क्या उसको तनख्वाह मिलती है कि नहीं या उसके घर में चूल्हा जलता है कि नहीं , साल में दो त्योहार आते हैं पत्रकारों के जिन्हें राष्ट्रीय पर्व कहा जाता है इसमें पत्रकार अपने प्रेस के लिए विज्ञापन मांगता है उस विज्ञापन का कुछ हिस्सा उसको मिलता है उससे उसके बच्चों का और उसका पालन पोषण होता है इसके बाद भी जो लोग कवरेज चाहते हैं,  पत्रकारों के आसपास रहना चाहते हैं उनके द्वारा चर्चित होना चाहते हैं वह कभी उनका दर्द नहीं समझते जब विज्ञापन की बात करो उनसे तो वह आनाकानी करते हैं यह नहीं सोचते इसी विज्ञापन से इन्हें और उनके परिवार को भरण पोषण होता है यह एक पत्रकार की पीड़ा जो कोई नहीं समझता फिर भी पत्रकार अपना फर्ज निभाता है और जो भी गलत कार्य होते हैं उनको उजागर करने का काम करता है शासन के लोग अगर गलत करते हैं उन्हें भी आईना दिखाने का काम करता है अधिकारियों को भी गलत करने से रोकने की कोशिश करता है आम आदमी की आवाज को ऊपर तक पहुंचाने का कार्य करता फिर भी पत्रकारों से लोग नाराज ,जरा कल्पना करें एक पत्रकार कैसे जीता है कैसे-कैसे उसको धमकियां मिलती हैं अपनी जान को जोखिम में डालता है फिर भी अपने देश के साथ अपने लोगों के साथ अपने समाज के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़ा रहता है- ऐसे होते है पत्रकार जरा विचार करना।

इक़बाल हसन "जंग" पत्रकार

  कैराना (शामली) उत्तर प्रदेश

  संपर्क सूत्र- 904528910

Popular posts
चार मिले 64 खिले 20 रहे कर जोड प्रेमी सज्जन जब मिले खिल गऐ सात करोड़ यह दोहा एक ज्ञानवर्धक पहेली है इसे समझने के लिए पूरा पढ़ें देखें इसका मतलब क्या है
मत चूको चौहान*पृथ्वीराज चौहान की अंतिम क्षणों में जो गौरव गाथा लिखी थी उसे बता रहे हैं एक लेख के द्वारा मोहम्मद गौरी को कैसे मारा था बसंत पंचमी वाले दिन पढ़े जरूर वीर शिरोमणि पृथ्वीराज चौहान वसन्त पंचमी का शौर्य *चार बांस, चौबीस गज, अंगुल अष्ठ प्रमाण!* *ता उपर सुल्तान है, चूको मत चौहान
Image
एक वैध की सत्य कहानी पर आधारित जो कुदरत पर भरोसा करता है वह कुदरत उसे कभी निराश नहीं होने देता मेहरबान खान कांधला द्वारा भगवान पर भरोसा कहानी जरूर पढ़ें
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सभी जिला अधिकारियों के व्हाट्सएप नंबर दिए जा रहे हैं जिस पर अपने सीधी शिकायत की जा सकती है देवेंद्र चौहान
कांधला शामली राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की तीन छात्राओं ने राष्ट्रीय कबड्डी प्रतियोगिता मैं सीनियर वर्ग मैं 1912 19 से 2212 19 तक दिल्ली में हुई प्रतियोगिता मैं सरिता ने सब जूनियर वर्ग मैं 1.1.2020 से 16 1.2020  तक छत्तीसगढ़ में  होने वाली प्रतियोगिता में रितिका  और पूजा ने प्रतियोगिता में कांस्य पदक प्राप्त
Image