फिर वही जनवरी
फिर वहीं आंसू
पहले किसान के
अब पहलवान के
#साहब ये वो है जो देश को खिलाते है
और खून पसीने से खेलकर देश की शान बढाते है ,
यूँ ही नही आप किसी को अपने घर बुलाते हैं साहेब उस वक्त तो बड़ी बड़ी हांकते हैं ।
फिर क्यों आपके ही सांसद इन बेटियों का शोषण करते भी हैं और करवाते भी हैं
जनतंत्र मंतर पर खुले आसमान में फिर वही दुर्गति कड़ाके की ठंड बिना किसी सुविधा के अपने सम्मान के लिए लड़ रही हैं देश की होनहार बेटियां
बोलते हैं तो देशद्रोही और
बोलती हैं तो बदचलन आवारा कही जाती हैं आखिर कब तक ऐसा चलेगा साहिब 😭