छपरौली गांव शबका में धूमधाम से मनाया गया रामानंद आचार्य का प्रकटोत्सव देवेंद्र चौहान

 छपरौली:-

क्षेत्र के गाँव शबगा  में वैष्णव समाज द्वारा मनाया गया जगत-गुरु रामानंदाचार्य का प्रकटोत्सव दिवस।


 क्षेत्र के गाँव शबगा स्थित वंशिका पब्लिक स्कूल में भारतीय वैष्णव बैरागी स्वामी चतु: सम्प्रदाय समाज द्वारा स्वामी जितेन्द्र कुमार बली के नेतृत्व में रामानंद सम्प्रदाय के संस्थापक जगत-गुरु रामानंदाचार्य का प्रकट्उत्सव दिवस मनाते हुए विचार गोष्ठी आयोजित की गयी। जिसमें क्षेत्र के प्रबुद्ध व्यक्तियों ने जगत गुरु रामानंदाचार्य को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए, सनातन धर्म में उनके योगदान को स्मरण किया। आमन्त्रित अतिथियों को फूल-मालायें पगड़ी पहनाकर और शाल भेट कर सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि के रूप में आमन्त्रित थाना अध्यक्ष देवेश शर्मा ने सम्बोधित करते हुए कहा ॠषियों का जीवन चरित्र एक दर्शन है। जो हमें पाप मार्ग से मुक्त कर धर्म मार्ग की ओर अग्रसर करता है। अपने माता-पिता, बुजुर्गों, ऋषियों का आशीर्वाद हमारे के लिए एक दिव्य कवच है।

समाजसेवी आर०आर०डी० उपाध्याय ने कहा भक्ति युग के महान संत श्री रामानंदाचार्य का जीवन चरित्र हमें त्याग, समर्पण और छूआछूत के भेद को मिटाने की प्रेरणा देता है। रामचरितमानस के रचयिता महाकवि  तुलसीदास, भक्त धन्ना जाट, कबीर पंथ के संस्थापक कबीरदास, संत रविदास, सैन भक्त और नरहरी दास जैसे अनेकों शिष्यों को दीक्षा देकर श्री रामानंदाचार्य ने वर्ण व्यवस्था और सनातन की पवित्रता को प्रमाणित किया।

 भारतवर्षीय वैष्णव/ स्वामी चतुःसम्प्रदाय समाज के राष्ट्रीय महामन्त्री जितेन्द्र स्वामी बली ने कहा सम्पूर्ण वैष्णव समाज के उत्थान के लिए जगद्गुरू रामानंदाचार्य जी के आदर्शो और शिक्षाओ को अपने जीवन मे धारण कर समाज को एकजुट होकर चलने की आवश्यकता है। कार्यक्रम की अध्यक्षता धर्मपाल स्वामी शबगा और संचालन रविकुमार एडवोकेट ने किया है।

इस अवसर पर सत्यप्रकाश वैष्णव लूम्ब, कुलदीप कुमार, जसवंत, देव कुमार, दलवीर, एडवोकेट रवि कुमार स्वामी, जितेन्द्र कुमार स्वामी (बली स्वामी), जगमेहर स्वामी (दरोगा जी), अनंगपाल आर्य, योगेन्द्र कुमार सरोहा, समाजसेवी आरआरडी उपाध्याय, डॉ०रामकुमार, मा० रविकुमार उपाध्याय, अमित कुमार हुड्डा मा० राजपाल, प्रदीप, राजेन्द्र, बलबीर, रामअवतार, तेजू, सचिन, मंगल सिंह, संजय, जोगिन्द्र, कविन्द्र, नितिन आदि उपस्थित रहे।

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