योगी जी शासन प्रशासन के पदाधिकारियो के हाथों में गंगाजल देकर शुचिता हेतु शपथ दिलवाये - मास्टर विजय सिंह
प्रयागराज :- प्रयागराज महाकुंभ के पवित्र स्नान अवसर पर 30 साल से भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के विरुद्ध मुजफ्फरनगर मे धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह ने प्रयागराज महाकुंभ मे अपने 11 वे दिन के कल्पवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील/मांग की है प्रयाग महाकुंभ के पवित्र स्नान को सार्थक बनाने हेतु संगम प्रयाग तट तथा जिला मुख्यालय पर शासन प्रशासन के सभी कैबिनेट मंत्री, मंत्री , सभी अधिकारीगण, कर्मचारी गण, इंजीनियरों, सरकारी ठेकेदारो आदि के हाथों में गंगाजल देकर भ्रष्टाचार, कमीशन खोरी, रिश्वतखोरी न करने के लिए शपथ व संकल्प दिलवाएं और देश में एक आदर्श प्रस्तुत करें ताकि देश प्रदेश में ईमानदारी स्थापित हो सके दुखद बात है एक तरफ तो महाकुंभ पवित्र स्नान चल रहा है दूसरी तरफ कुछ अधिकारी व कर्मचारी रिश्वतखोरी में पकड़े जा रहे हैं जो बहुत ही शर्मनाक हैमास्टर विजय सिंह ने बताया महाकुंभ के पवित्र स्नान का अभिप्राय जीवन को शुद्ध एवं सात्विक बनाना है अपने अंदर की बुराइयों को समाप्त करने का संकल्प लेना है. व्यक्तिगत व सार्वजनिक जीवन में शुचिता लाना है.तथा आत्मिक शक्ति मजबूत करना है
भ्रष्टाचार , रिश्वतखोरी ,कमीशनखोरी, माफिया गिरी ,पक्षपात की समाप्ति ही भारत को विश्व गुरु बनाने का मूल मंत्र है .हम सात्विक व ईमानदार बने , धर्म व राष्ट्र धर्म का पालन ईमानदारी से करे देश से भ्रष्टाचार खत्म करने का संकल्प करें तभी हमारा महाकुंभ का स्नान सार्थक
गौरतलब है कि मास्टर विजय सिंह भ्रष्टाचार व भूमाफियाओं के विरुद्ध जनहित में सार्वजनिक भूमि को दबंग भूमाफियाओं से मुक्त कराकर गरीबों में बांटने या विकास कार्यों में लेने हेतु पिछले 30 वर्षों से मुजफ्फरनगर में धरना आंदोलन/ सत्याग्रह कर रहे हैं।
30 साल पहले मास्टर विजय सिंह ने अध्यापक की नौकरी से इस्तीफा देकर सबसे पहले उन्होंने अपने गाँव चौसाना हाल जनपद शामली की 4 हजार बीघा सार्वजनिक भूमि पर शोध करके घोटाला खोला। मास्टर विजय सिंह का मानना है कि मुजफ्फरनगर और शामली जनपद में लगभग 6 लाख बीघा सार्वजनिक भूमि, ( तालाब ,झील वन ग्राम सभा की भूमि )आदि पर अवैध कब्जे हैं। उक्त भूमि को कब्जामुक्त करवाने तथा इस भूमि के सार्वजनिक प्रयोग या गरीबों को बंटवाने की जद्दोजहद में मास्टर विजय सिंह मुजफ्फरनगर में 24 घंटे धरने पर रहकर गांधीवादी लड़ाई लड़ रहे हैं। 30 साल का यह धरना देश व दुनिया का सबसे लम्बा धरना घोषित हो चुका है। इस धरने को लिम्का बुक आफ रिकॉर्डस, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्डस, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्डस, मीरा सैल्स ऑफ दा वर्ल्ड रिकॉर्डस, यूनिक वर्ल्डस रिकार्ड ने सबसे लम्बा सत्याग्रह दर्ज किया है।