अमित शाह की बात का पूरे देश को समर्थन करना चाहिए बिल्कुल सही कह रही है पशु वत वर्ती इंसानों की बहुत भयानक होती है इसे बिना सकता ही के नहीं रोका जा सकता जो समझते हुए भी समझना ना चाह रहा हो उसे समझाने के लिए दंड के अलावा दूसरा कोई प्रावधान नहीं रह जाता है लिहाजा इसलिए सरकार को अब दंड का इस्तेमाल करना चाहिए समझदारी का इस्तेमाल करके देख लिया पूरी दिल्ली जल गई दंड ही पशु को सुधार ता है पशु ऐसा नहीं कि बिना पढ़ा लिखा होता है बल्कि कुछ बहुत पढ़े-लिखे कुत्ते भी ट्रेंड होते हैं होते वह कुत्ते ही है परंतु पढ़े लिखे होते हैं ऐसी ही स्थिति आज देश में देखने को मिल रही है और इस स्थिति के लिए जितना हो सके उतनी नरमाई आपने बर्थ ली है इससे अधिक झुकना कायरता कहलाएगा आर्थिक समय है जो इंसान शांति से कानून के दायरे में आता है आ जाए अन्यथा अब अधिक समय नहीं बचा है कि 10:00 5 साल दिए जाए कि आगे देख लिया जाएगा 10:00 5 साल मिलना मतलब बहुत भयानक होगाअगर कुछ लोग गह्र युद्ध ही ईशका समाधान मानते हैं तो यही सही अब अधिक देरका मतलब होगा अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना देखे अमित सहा जी ने क्या कहा है
"हमने दिल्ली हाईकोर्ट के जज को पत्र लिखा
हैं, जिसने भी दिल्ली दंगों में प्रोपर्टी जलाई हैं
जान-माल का नुक्सान किया हैं उन सभी लोगों
कि पहचान करके उनसे संपत्ति जलाने का
हर्जाना वसूल किया जाएगा :- अमितशाह
लोकसभा ।।
अमित शाह की बात का पूरे देश को समर्थन करना चाहिए बिल्कुल सही कह रही है पशु वत वर्ती इंसानों की बहुत भयानक होती है इसे बिना सकता ही के नहीं रोका जा सकता जो समझते हुए भी समझना ना चाह रहा हो उसे समझाने के लिए दंड के अलावा दूसरा कोई प्रावधान नहीं रह जाता है लिहाजा इसलिए सरकार को अब दंड का इस्तेमाल करना चाहिए समझदारी का इस्तेमाल करके देख लिया पूरी दिल्ली जल गई दंड ही पशु को सुधार ता है पशु ऐसा नहीं कि बिना पढ़ा लिखा होता है बल्कि कुछ बहुत पढ़े-लिखे कुत्ते भी ट्रेंड होते हैं होते वह कुत्ते ही है परंतु पढ़े लिखे होते हैं ऐसी ही स्थिति आज देश में देखने को मिल रही है और इस स्थिति के लिए जितना हो सके उतनी नरमाई आपने बर्थ ली है इससे अधिक झुकना कायरता कहलाएगा आर्थिक समय है जो इंसान शांति से कानून के दायरे में आता है आ जाए अन्यथा अब अधिक समय नहीं बचा है कि 10:00 5 साल दिए जाए कि आगे देख लिया जाएगा 10:00 5 साल मिलना मतलब बहुत भयानक होगाअगर कुछ लोग गह्र युद्ध ही ईशका समाधान मानते हैं तो यही सही अब अधिक देरका मतलब होगा अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना देखे अमित सहा जी ने क्या कहा है