होठों पर लाली, पेट खाली और बातों की दलाली
हमारे नीति आयोग ने आकंड़े जारी कर बताया कि हमारा देश दुनिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन गया है। हमारे प्रधानमंत्री मोदी जी बार बार 2047 का जिक्र करते रहते हैं। दरअसल वे चाहते हैं कि 2047 तक हमारा देश विकसित देशों की श्रेणी में शामिल हो जाए। मोदी जी का सपना तो बहुत सही है और नीति आयोग के आंकड़े भी उनके भक्तों में जोश भरने के लिए सही हैं। इसीलिए दो दिन से सभी इस पर गाल बजा रहें हैं। जबकि ये आंकड़े और ये प्रचार हकीकत पर पर्दा डालने के लिए हैं। हमारे देश को विकसित देशों की सूची में शामिल होने के लिए प्रति व्यक्ति आय को बढ़ाकर 13000 डॉलर के ऊपर ले जाना होगा! और वर्तमान में हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय कितनी है और प्रति व्यक्ति आय मामले में हमारा देश किस पायदान पर है, यह कोई नहीं बता रहा है? 2024-25 के लिए हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय लगभग 2,700 डॉलर (लगभग 2.28 लाख रुपये) है। वैश्विक रैंकिंग की बात करें तो, 197 देशों में प्रति व्यक्ति आय के मामले में हमारा देश142वें स्थान पर है। जबकि लक्ष्य हासिल करने के लिए प्रति व्यक्ति आय चाहिए 13000 डॉलर से ऊपर!
नीति आयोग के इन आंकड़ों और गोदी मीडिया के जोरशोर से प्रचार के बाद गांव की चौपालों में गांव के और शहरी मिडिल क्लास के भोलेभाले लोग, जिन्हें आंकड़ों की पूरी तरीके से सही से जानकारी नहीं होती, वे तालियां पीट रहें होंगे कि मोदी जी के राज में हमारा देश की अर्थव्यवस्था कितनी तरक्की कर गईं! जबकि उन्हें आंकड़ों के दूसरे पहलू की इस वास्तविकता का नहीं पता है कि भले ही भारत दुनिया की पांचवी बड़ी अर्थव्यवस्था हो, और अलगे कुछ वर्षों में भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की हसरत रखता हो; लेकिन प्रति व्यक्ति आय के मामले में हमारा देश दुनिया के गरीबों मुल्कों की श्रेणी में आता है। हाल ये है कि हमारे देश की प्रति व्यक्ति आय अंगोला जैसे देश से भी कम है। खुद मोदी जी के भाषण में कहे शब्दों अनुसार बात करें तो हमारे देश की अस्सी करोड़ जनता पांच किलो सरकारी राशन पर गुजारा कर रही है! नीति आयोग के आंकड़े और इन आंकड़ों का ये दूसरा पहलू, बिल्कुल वैसी ही बात है कि होठों पर लाली, पेट खाली और बातों की दलाली!!!
~ सरदार हवासिंह सांगवान (पूर्व कमाडेंट)