एक्सेस बैंक के सट्टेबाजों ने जनता की गाढ़ी कमाई को सट्टे में गवा दिया है रही सही कसर सरकार ने पूरी कर दी है अब जनता लाइन में लगी है शायद इसके नसीब में लाइन में लगना ही लिखा है क्योंकि यह नेता तो जनता के बीच में ऐसी खाई पैदा करके रखते हैं के जब भी सरकार का फैलियर होता है ठीक उसी समय कोई ना कोई हिंदू मुस्लिम का मामला सामने आ जाता है और जनता उसी मूर्खता में कुछ चंद लोगों के बहकावे में आकर सब कुछ भूल कर उसी एक हिंदू मुस्लिम के ऊपर जुड़ जाती है देश के लिए जनता के लिए लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है अच्छा संकेत नहीं है इसके दूरगामी परिणाम बहुत भयानक होंगे देखे जनता को बेचारी कैसे भीड़ में लगी है लाइन में लगी है सट्टेबाज मौज ले रहे हैं

एक्सेस बैंक के सट्टेबाजों ने जनता की गाढ़ी कमाई को सट्टे में गवा दिया है रही सही कसर सरकार ने पूरी कर दी है अब जनता लाइन में लगी है शायद इसके नसीब में लाइन में लगना ही लिखा है क्योंकि यह नेता तो जनता के बीच में ऐसी खाई पैदा करके रखते हैं के जब भी सरकार का फैलियर होता है ठीक उसी समय कोई ना कोई हिंदू मुस्लिम का मामला सामने आ जाता है और जनता उसी मूर्खता में कुछ चंद लोगों के बहकावे में आकर सब कुछ भूल कर उसी एक हिंदू मुस्लिम के ऊपर जुड़ जाती है देश के लिए जनता के लिए लोकतंत्र के लिए अच्छा संकेत नहीं है अच्छा संकेत नहीं है इसके दूरगामी परिणाम बहुत भयानक होंगे देखे जनता को बेचारी कैसे भीड़ में लगी है लाइन में लगी है सट्टेबाज मौज ले रहे हैंदेखिए नोएडा  में कुछ चंद सट्टेबाजों ने जनता का क्या हाल कर के रख दिया है एक्सेस बैंक के बहार हजारों हजारों आदमी लाइन में लगे हैं यह हालात तो नोटबंदी के समय भी नहीं हुई क्या सट्टेबाज बैंकों को कोई सबक नहीं सीखा जा सकता सरकार के द्वारा आखिरकार जनता की मेहनत की कमाई यह बैंक सट्टा खेलते हैं और भरना हर्जाना जनता को पड़ता है यह कैसा कानून है कैसा लोकतंत्र है भाई क्या लोकतंत्र ऐसा ही होता है या फिर मेरी इस बात को भी देशद्रोही कहकर कंडम कर दोगे रद्दी में डाल दो मैं सरकार में बैठे हुए लोगों की यह प्रथम जिम्मेदारी बनती है की जनता की गाढ़ी कमाई को सुरक्षित रखें किन्ही सट्टेबाजों के हाथ में ना दे ले सकते के लालच में कम आते रहते हैं कमाई का हिस्सा तो यह जनता को नहीं देते परंतु जब इन्हें नुकसान हो जाता है तब परेशान जनता को ही होना पड़ता है क्या इस पर बंदिश लगाने से जनता का कुछ भला हो सकता है इन सभी लोगों को जेल में डाल देना चाहिए और जनता का पूरा पैसा सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि वह एक-एक पैसा उनका सूद सहित उन्हें मिले जनता टैक्स दे रही है सरकार को इन सुविधा के लिए ही दे रही है कि सरकार जनता की किसी भी परेशानी में साथ दे नहीं तो टैक्स देने का औचित्य क्या है फिर तो किसी गली के गुंडे को टैक्स लिया जाएगा कम से कम वह नजदीक रहेगा और हर सूरत में उसकी सुरक्षा भी करेगा सरकार तो गली से गुंडे से भी बदतर हो गई है लूट भी रही है और लूटवाभी रही है ईमानदार प्रधानमंत्री को वित्त मंत्री को इस तरफ ध्यान देना चाहिए बयानबाजी से काम नहीं चलेगा आज जो आपकी हालत हो रही है भाजपा सरकार की वह इस कारण ही हो रही है कि अपनी करनी और कथनी में पूरा नहीं उतर रही है बस जब फेल हो जाते हैं तो हिंदू मुस्लिम का कार्ड खेलने पर उतारू हो जाते हैं जनता अब सब समझ रही है आपकी इस मानसिकता के कारण जनता को बहुत नुकसान हो रहा है उसमें राष्ट्रभक्त जनता भी है जो बहुसंख्यक है और अल्पसंख्यक भी है इस परेशानी से जूझने वाले लोग चाहे किसी के भी द्वारा हुई हो सरकार पर ही दोषारोपण करेंगे और करना भी चाहिए क्योंकि समर्थ सरकार ही होती है वह चाहे तो ऐसी गड़बड़ कदापि ना हो सरकार के पास इंटेलिजेंस है हर किसी पर पैनी नजर रख सकती है परंतु हमें लग रहा है सरकार की और सरकार के सट्टा खेलने वाले इन सट्टेबाजों की अंदाजा बस जनता पर है जनता को कैसे लूटा जाए और कैसे अपने को दिवालिया घोषित कर दिया जाए इसका परिणाम बहुत बुरा होगा बहुत ही बुरा होगा परेशान इंसान को बुद्धि नहीं रहती है मैं कुछ भी कर सकता है इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी जो सरकार इस जनता ने चुनी है नहीं कुछ भी कह कर अपना पीछा नहीं छुड़ा सकती और ताकत का इस्तेमाल करेगी तो उसका परिणाम चुनाव में भुगतना पड़ेगा और चुनाव हर जगह रहते हैं हर समय इसका ही परिणाम है कि आज लगातार हर चुनाव में भाजपा हारति जा रही है


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