दिल्ली के नरसंहार में मारे गए अथवा बर्बाद हुए हिंदुओं की मदद करने के लिए क्या किसी शंकराचार्य, कथावाचक, धर्म गुरु, संत, महंत, आदि ने कोई घोषणा की है ? क्या किसी अखाड़े वाले ने मदद के लिए हाथ बढाया है ? क्या किसी मठ ने आर्थिक मदद दी है ?
मठों और मंदिरों में जो अरबों की संपत्ति है, वो अगर ऐसे समय में हिन्दुओं के काम न आये तो वह सपत्ति आखिर हिन्दुओं के किस काम की है ? क्या खरबों की यह सम्पत्ति केवल इसलिए सहेजकर रखी जा रही है कि - कोई गजनी आए और फिर लुट कर ले जाए ?
हिन्दुओं की एक लोकतांत्रिक अंतराष्टीय संस्था बनाई जानी चाहिए जिसमे एक धर्म संसद हो, जिसके सदस्यों का चुनाव हिन्दुओ के वोट से हो। यह संस्था दुनिया भर के मंदिरों की देखभाल करे और जरूरत पड़ने पर हिन्दुओं की आर्थिक मदद भी करे।उस पैसे का उपयोग सच बताने व झूठे मीडिया को एक्सपोज़ करने के अंतराष्ट्रीय मीडिया लॉबिंग हो,अंतराष्ट्रीय पोलिटिकल लॉबिंग हो,षड्यंत्र के खिलाफ लीगल प्रेशर ग्रुप की स्थापना हो।देश मे हिन्दू प्रोटेक्शन एक्ट लाना के जन जागरण अभियान लाना।हिन्दू को बांटने,अपमानित करने के जितने भी जेहाद के जितने भी अंतराष्ट्रीय षड्यंत्र हो उसको नेस्तोनाबूत करने के लिये पैसे खर्च हों।वेदों पर रिसर्च व उसका प्रचार प्रसार पर पैसे खर्च हो।