एसएसपी मुजफ्फरनगर में फर्जी पत्रकार बता कर कुछ पत्रकारों को गिरफ्तार किया है और संपादक को वांछित बता जा रहा है अब देखना यह है भारत सरकार द्वारा रजिस्टर्ड अखबार केसंपादक का भी कुछ अधिकार क्षेत्र है या नहीं अगर नहीं है तो भारत सरकार को यह सभी रजिस्ट्रेशन कैंसिल कर देनी चाहिए और सारी जिम्मेदारी मीडिया की भी एसएसपी साहब को ही दे देनी चाहिए क्योंकि हम देख रहे हैं किन्ही अखबारों के एक ही शहर में 10 10 15 15 पत्रकार घूम रहे हैं और वह सब असली पत्रकार कहे जाते हैं अब असली नकली सूचना वहां का भेद करना सूचना प्रदान करने वाले का भेद कैसे हो कैसे निकाला जाए यह मुजफ्फरनगर कप्तान से बेहतर कोई नहीं जान सकता और अपने अधिकारों के लिए ऐसे सभी संपादकों को एक होकर अदालत में जाना चाहिए और अपने अधिकारों को जानना चाहिए इसमें शांति या दबाव में आकर काम नहीं चलेगा हो सकता है एसएसपी साहब ठीक कह रहे हो परंतु यह तो संपादक के अधिकार को भी अपने हाथों में लेकर उन्हें भी वांछित बता रहे हैं यह सोचने का विषय है या फिर भारत सरकार सोच समझकर आर एन आई नंबर नहीं देती या फिर एसएसपी साहब की एलआईयू विभाग सही से जांच नहीं करता दोषी कौन है इसमें अगर संपादक भी वांछित है मेरे अपने व्यक्तिगत विचार है परंतु भारत के संपादकों को यह विचार अब सर्व गत करने चाहिए


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