पत्रकार क्या है यह पुलिस प्रशासन आम आदमी या खास आदमी सभी के उपयोग की चीज मात्र बनकर रह गया है पत्रकार सबकी परेशानी में सब की खुशहाली में पत्रकार सबके साथ कंधे से कंधा मिलाकर और बड़े आनंद के साथ खड़ा होता है परंतु जब इसी पत्रकार को इस प्रशासन शासन जनता की जरूरत होती है तब यह कोई भी लोग इसके सहयोग के लिए दिखाई नहीं पड़ते जहां तक के जिस प्रशासन के लिए और जनता के लिए रात दिन फील्ड पर भूखा प्यासा दौड़ता रहता है वहीं प्रशासन अपने आकाओं के इशारे पर या अपनी कोई पोल ना खुल जाए अपने अब या कमी पर पर्दा डालने के लिए इन्हीं पत्रकारों को फर्जी बताकर जेल में भेज देता है जिनसे वह रात दिन काम लेता है हां कुछ पत्रकार भी गड़बड़ करते हैं और वह गड़बड़ भी उनकी मजबूरी का हिस्सा है क्योंकि उन्हें कोई बड़ी सैलरी या तनखा नहीं मिलती वह अपने भागदौड़ का पेट्रोल आदि का खर्चा काढने के लिए कुछ भ्रष्ट अधिकारियों की चमचागिरी करते हैं और बहुत सी बातों को अनदेखा करते हैं हो सकता है ऐसी बातों के कारण जनता पत्रकारों से नाराज रहती है परंतु जनता को जनता के साथ की हुई पत्रकारों द्वाराकी गई भलाई को भी याद रखना चाहिए और यह समझना चाहिए कि जनता की ताकत पर पत्रकार है और पत्रकार की ताकत जनता है इसलिए आज इसकी बहुत ही जरूरत है भ्रष्ट प्रशासन और स्वार्थी नेताओं या शासन से निपटने के लिए इन दोनों का एक होना जरूरी है देखें पत्रकार जनता के साथ कहां कहां पर खड़ा मीलता हे


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