वैज्ञानिक बहुत बुद्धिमान होते हैं परंतु किसी भी चीज का निर्माण चक्रवात की तरह घूमने से नहीं होता मंथन से होता है अगर किसी चीज का निर्माण हो रहा हो तो उसका पता इसी बात से लगाया जा सकता है कि वहां मंथन की क्रिया चल रही है या नहीं मंथन प्रिया का मतलब है बार-बार एक दिशा से फिर दूसरी दिशा में विपरीत दिशाओं में घूमना दाएं से बाएं बाएं से दाएं आगे पीछे इसको मंथन ओम निर्माण की प्रक्रिया कहते हैं वैज्ञानिक एक्साइड घूमने वाले चक्रवात को इसी तरह का निर्माण बता रहे हैं ऐसा हो नहीं सकता चक्रवात से नष्ट तो हो सकता है निर्माण नया निर्माण बन नहीं सकता यह प्राकृतिक सत्य है निर्माण मंथन के द्वारा होता है और मंथन कभी भी एक तरफ नहीं चलता तर्क और वितर्क को भी मंथन कहते सकते हे निर्माण समझने के लिए बड़े विस्तार में जाना पड़ता है इन लोगों की समझ कोरोनावायरस पर समझ खत्म हो गई हे 520 प्रकाश वर्ष दूर चल रही प्रक्रिया को यह क्या समझेंगे


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