*यूपी पुलिस का कारनामा: पति के वारंट पर पत्नी को कर लाई गिरफ्तार*
'ये यूपी पुलिस है जनाब कुछ भी कर सकती है' ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि उरई पुलिस ( Up Police ) ने इस जुमले की वकालत की है। पति के वारंट पर उरई पुलिस ने पत्नी को गिरफ्तार कर लिया और न्यायालय के समक्ष ले गई। जब मजिस्ट्रेट ( Court Order ) ने देखा तो पुलिस की इस लापरवाही पर हैरान रह गए। महिला के सामने ही पुलिस दराेगा को जमकर फटकार लगाई और महिला को गिरफ्तार करने वाली पूरी पुलिस टीम के खिलाफ जांच करे आदेश जारी कर दिए।
घटना जालौन जिले में उरई के मोहल्ला गांधी नगर की है। सिविल जज जूनियर डिविजन की अदालत में इंद्रजीत चतुर्वेदी बनाम आयशा के नाम से वाद विचाराधीन चल रहा है। इस मुकदमे में आईशा समेत चार आरोपी हैं। इनमें से आईशा समेत तीन आरोपियों को कोर्ट से जमानत मिल चुकी है। चौथा आरोपी आयशा का पति क़स्सू न्यायालय के समक्ष पेश नहीं हो रहा था। इस पर न्यायालय ने अस्सू का वारंट जारी कर दिया। कोतवाली पुलिस को जब यह वारंट मिले तो इन वारंट को तामील कर कस्सू की गिरफ्तारी की जिम्मेदारी उपनिरीक्षक मदन पाल को दी गई। मदन पाल अपनी टीम के साथ कस्सू के घर पहुंचे तो वह घर पर नहीं मिला।
इस पर पुलिस ने कस्सू की पत्नी आइशा को ही गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने बकायदा आइशा का चिकित्सीय परीक्षण कराया और उसे न्यायालय के समक्ष पेश कर दिया। न्यायिक मजिस्ट्रेट प्लास गांगुली की अदालत में जब महिला को पेश किया गया तो पुलिस की इस लापरवाही पर अदालत ने पूरी पुलिस टीम को जमकर फटकार लगाई। न्यायालय ने तुरंत महिला को रिहा करने के आदेश जारी किए और महिला को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम के खिलाफ पुलिस क्षेत्राधिकारी को जांच करने के आदेश भी दिए।
इस घटना ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि पुलिस कुछ भी कर सकती है। अगर ऐसे में यूपी पुलिस हो ताे फिर क्या कहने। बरहाल इस घटना ने पुलिस की किरकिरी करा दी है क्षेत्र में यह घटना चर्चा का विषय बनी हुई है।