जब योगी आदित्यनाथ ने BJP छोड़ दी…
बात अक्टूबर 2005 की है UP का एक माफिया, नाम था मुख़्तार अंसारी, वो खुली जीप में हथियार लहराते हुए मऊ में साम्प्रदायिक दंगा करवा रहा था
3 दिन बीत चुके थे, दंगे को
उस वक़्त UP के CM थे मुलायम सिंह यादव और वो भी कई बार बोल चुके थे कि मुझसे बड़ा गुंडा इस UP में नही है
ये बात वो सिंर्फ़ योगी जी के लिये बोलते थे
जब दंगे को तीसरा दिन था, तो *प्रशासन और UP के CM इस दंगे पे कुछ भी नहीं कर रहे थे… मूक दर्शक बने बैठे थे…
योगी जी ने राजनाथ जी को चुनौती दे दी।
तब मऊ से 64 KM दूरी पे गोरखपुर में बैठे योगी जी को ये दंगा बर्दास्त नहीं हुआ और वो BJP के सारे बड़े नेता… अटल जी, आडवाणी जी, मुरली जी और राजनाथ जी को सीधी चुनौती दे दी
कि… अगर BJP के सारे कार्यकर्ता मेरे साथ मऊ नहीं गये तो परिणाम बहुत बुरा होगा।। दंगा तो मैं अपने बल पे भी रोक लूँगा…पर ऐसे हत्यायों को अगर BJP पार्टी बस देख के चुप रहेगी तो मुझसे बर्दास्त न होगा और मैं BJP छोड़ दूँगा…!
BJP के सारे नेताओ को योगी जी की इस बात से पसीना आ गया
लेकिन BJP के सारे नेता इस दंगे को जा के रोकने की हिम्मत ही नही जुटा पा रहे थे
कारण???
कारण सिंर्फ़ एक था. मुलायम सिंह यादव*
क्योंकि
BJP के सारे नेताओ को पता था, कि *जब अयोध्या में कार सेवकों पर ये मुलायम गोली चलवा सकता है. जो कार सेवक पूरे देश से आये थे तब इसने गोली चलवा दी फिर यहां तो एक छोटे से शहर में दंगा को रोकने जाना है, जहाँ दंगा करवाने वाला भी एक कुख्यात अपराधी है. इन दोनों से बच पाना तो मुश्किल है. और इस घटना में बहुत से BjP के कार्यकर्ता मारे जायेगे
तब इन सारे वरिष्ठ नेताओं ने धीमे से कन्नी काट ली योगी जी से क्योंकि उनको लगा, ’ये योगी बिना BJP के कार्यकर्ताओं के वहाँ जा ही नही सकता है क्योंकि मुख्तार अंसारी पिछले 2 साल से योगी जी को मरवाना चाहता था, और असफल भी कई बार हुआ है… योगी जी अकेले तो वहाँ नहीं जायेंगे…
पर योगी जी भी कम जिद्दी नही थे वो अपने आश्रम से सिंर्फ़ 3 गाड़ी लेकर चल दिये मऊ…
योगी जी मऊ जा रहे दंगा रुकवाने
फिर क्या था जैसे ही गोरखपुर के लोगो को और गोरखपुर से मऊ के बीच के लोगो को पता चला योगी जी मऊ जा रहे हैं दंगा रुकवाने… सारे लोग योगी जी के साथ हो लिये क्योंकि सबको पता था, अगर योगी जी अकेले गये तो ये मुख्तार जान से मरवा दे
मऊ पहुँचते पहुँचते 140 से 160 गाड़ियों का काफिला* हो गया, और मऊ में घुसते ही जब सारी गाड़ी आगे निकल रही थी, तभी उनके अंतिम 8 गाड़ियों पे पेट्रोल बम फेंका गया जो सिंर्फ़ 2 गाड़ियों पे पड़ा. जब सारे लोग गाड़ी से उतरने लगे तो ये पेट्रोल बम फेंकने वालों को मौत का ख़ौफ़ लगने लगा और वो सभी भागने लगे
CM मुलायम सिंह यादव ने साफ शब्दों में बोल दिया था कि ”अगर योगी मऊ पहुँचा तो अरेस्ट कर लिया जाए
तभी प्रशासन भागा भागा योगी जी के काफ़िले की तरफ पहुँचा, प्रशासन के भी हाथ पांव फूलने लगे इतना बड़ा काफ़िला देख कर… इस प्रशासन की हिम्मत ही नहीं हुई कि योगी जी को अरेस्ट कर सके
फ़िर उसी दिन मऊ का दंगा खत्म भी हुआ….
वजह जानते हो क्यों? क्योंकि प्रशासन ने जब CM मुलायम सिंह को ये बताया कि अगर हम योगी जी को अरेस्ट करेगे तो, ये काफ़िले के लोग हम लोगो को जान से मार देंगे, और मुख्तार को भी नही छोड़ेंगे…
और दंगा खत्म होने पर योगी जी ने BJP छोड़ दी….
दंगा खत्म होने के बाद योगी जी ने BJP छोड़ तो दी लेकिन BJP इनका स्तीफा नही ले रही थी… बड़ी मान-मनुहार की गयी कि योगी जी आप BJP मत छोड़िये”
राजनाथ सिंह जी लगातार फोन किया कि ”मैं आ रहा हूँ, गोरखपुर आकर बात करता हूं आप से
तब योगी जी ने राजनाथ जी को सीधा ही बोल दिया कि ”गोरखपुर में कदम भी मत रखना
तब अटल जी बड़े विचलित थे कि पूर्वांचल का एक ही तो नेता था, अगर वो BJP छोड़ देगा तो कैसे चलेगा, तब आडवाणी जी गोरखपुर पहुँचे, बहुत मनाया गया, 2 दिन बाद माने योगी जी
अब जरा सोचिये, यही योगी जी जब कोई मंत्री, CM न रह कर भी दंगाइयों और माफियाओं को भगा सकता है… और BJP को लात मार सकता है, तो जरा सोचो अब तो ये प्रदेश का CM बन के बैठा है… ये क्या से क्या न करवा दे
एक बात और, ये योगी जी है कोई मोदी जी नहीं… 900 लोगो में से कुछ को जेल कुछ को ऊपर तेल लेने भेज चुके है… कुछ तो दूसरे प्रदेश में भाग गये है…
अब शायद आपको समझ में आ गया कि मुख्तार अंसारी UP क्यों नहीं आना चाहता था, इसके लिए उसने एड़ी-चोटी का जोर लगा लिया कि उसे पंजाब की जेल में ही रहने दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट में दिए गए हलफनामे में पूर्व उपराष्ट्रपति (हामिद अंसारी) से पारिवारिक वास्ता दिया गया, और अब स्वास्थ्य खराब होने पर स्ट्रेचर और व्हील चेयर का सहारा…
लेकिन UP में CM योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपराधियों के गुनाहों का पूरा हिसाब करने का मन बना लिया है. अपनी गुंडागर्दी और अपराध के दम पर दहशत फैलाने वाले मुख्तार अंसारी की मुश्किलें अब और भी बढ़ गई हैं, क्योंकि दो हफ्ते में उसे पंजाब के रोपड़ से UP के जेल में शिफ्ट किया जाएगा.
ना जाने क्यों, लेकिन मुझे मशहूर शायर मीर तकी ‘मीर’ की ग़ज़ल का मुखड़ा याद आ रहा है
’इब्तदा-ए- इश्क है, रोता है क्या! आगे आगे देखिये, होता है क्या
अर्थात, अरे बावले, ये तो इश्क की शुरुआत है अभी से रोने लगा! आगे आगे देख, अभी और क्या क्या होता है…