मैं मरूं तो मीलने चले आना दिल का दर्द कुछ इस तरह बयां किया एक कविता पूजा सिंह दिल्ली

 मैं मारू तो



मैं मरू तो ये गुलाब ले आना

तुम चाहो तो पूरा बगीचा बना देना

मैं मरू तो मिलने चले आना

तुम चाहो तो रोज कब्र पर हाथ फेर आना

में मरू तो थोड़े आशु बहा लेना

तुम चाहो तो पार्टी जस्न कर लेना

मैं मारू तो मेरे शरीर पर हाथ फेर लेना

तुम चाहो तो मुझे कांदा दे देना

मैं मारू तो एक फोटो ले लेना 

तुम चाहो तो DP पर miss you लिख देना

मैं मारू तो मेरे तेरवी में खाना खाने आ जाना

तुम चाहो तो सब का हाथ बटा देना


पूजा सिंह

दिल्ली // 9013113172

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