हिंदू अंतिम संस्कार में जाने क्या है जल मटकी फोड़ने का महत्व

 किसी व्यक्ति की मृत्यु होती है तो दाह संस्कार की अन्य सामग्री के साथ एक मटकी

भी जल से भर कर ले जाने की परम्परा है, जिसे शव यात्रा के मध्य ही किसी स्थान पर फोड़ दिया जाता है। इसके पीछे एक शिक्षा होती है, उसे हमारी बुद्धि ग्रहण करती है या नहीं, यह हम पर निर्भर है। मटकी इसलिए फोड़ी जाती है कि यह देह मानो एक मटकी है, जो हमें ऊर्जा से परिपूर्ण प्रभु द्वारा प्रदत्त है। यह किसी भी सांसारिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए, सेवा करने के लिए, परोपकार करने के लिए। यह तो एक न दिन अवश्य टूटेगी। जब यह पुरानी होकर कुछ करने योग्य नहीं रह जायेगी। पुरानी टूट गई कर्मों के अनुसार फिर नई प्राप्त होगी। मुक्ति तक यह क्रम चलता रहेगा। इसलिए मृत्यु से दुखी होने की आवश्यकता नहीं। मोह में अधिक न फंसो। रोना चिल्लाना अधिक भी करोगे तो भी लाभ होने वाला नहीं। यह तो प्रभु की व्यवस्था के अनुसार पुरानी टूटती रहेगी, नई मटकी प्राप्त होती रहेगी। यह क्रम ऐसे ही चलता रहा है और चलता रहेगा। रो-धोकर भी प्रभु की इस व्यवस्था को स्वीकार करना ही होगा।

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