प्रस्तावको पर सत्ता के दबाव होने के कारण नहीं कर सके पर्चा दाखिल मास्टर विजय सिंह ,
* गोरखपुर प्रवास के दौरान पहरा रहा,
* विषम परिस्थितियों कारण नहीं भर सके पर्चा
* गोरखपुर मीडिया को खबर न छापने की हिदायत थी
* कई क्षेत्रों में पर्चे बांटे
26 साल से भ्रष्टाचार में भू माफियाओं के विरुद्ध मुजफ्फरनगर में धरने पर बैठे मास्टर विजय सिंह ने सदर विधानसभा गोरखपुर की सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में सीएम योगी के सामने चुनाव लड़ने की घोषणा की थी , निर्दलीय प्रत्याशियों को 10 प्रस्तावक उसी विधानसभा क्षेत्र देने होते है मास्टर विजय सिंह ने जो प्रस्तावक तैयार किए थे उन पर कुछ स्थानीय विपक्षी लोग ने प्रस्तावक न बनने के लिए दबाव बना दिया था तथा उन्हें जान माल की हानि का डर दिखा दिया था इसलिए उन्होंने प्रस्तावक बनने से इंकार कर दिया फलस्वरूप पर्चा नहीं भरा जा सका । मैं वहां 850 किलोमीटर बाहरी था गोरखपुर मे लोग मुझे नहीं जानते थे मैं भाजपा सपा व बसपा के खिलाफ था इसलिए भी मुझे वहां समर्थक नहीं मिला । सीएम योगी का प्रभाव खूब देखने को मिला। 10 जनवरी शाम तक बहुत लोगों के पास जाकर प्रस्तावक बनने का आग्रह किया परंतु निराशा ही हाथ लगी। उनके विरुद्ध जन सामान्य में बोलने की हिम्मत दिखाई नहीं दी । गोरखपुर मे 7 दिन के प्रवास के दौरान मास्टर विजय सिंह ने बताया कि मेरे आगे पीछे दो मोटरसाइकिल सवारो ने खुब रैकी की ।
9 जनवरी को मास्टर विजय सिंह ने गोरखपुर प्रेस क्लब में प्रेस वार्ता आयोजित की,पत्रकारों ने बड़ी उत्सुकता से मेरे 26 साल के आनदोलन की कहानी सुनी ,योगी जी द्वारा कराई गई जांच रिपोर्ट को देखकर कार्यवाही न होना हैरानी जताई गई ,कुछ ने खबर भी छापी परन्तु,उन पर खबर में छापने का भारी दबाव सामने आया । क्योंकि मेरा गोरखपुर आना व पर्चा भरा जाने की घोषणा योगी जी के भूमाफिया एजेंडे पर प्रश्नचिन्ह था ।सत्ता के दबाव यह सब कुछ हो रहा था। फल स्वरुप गोरखपुर में मेरे आंदोलन की खूब चर्चा हुई। योगी सरकार व अखिलेश सरकार पर खूब सवाल उठे मास्टर विजय सिंह ने धर्मशाला चौक ,पादरी रोड ,रेलवे स्टेशन, सिविल लाइन क्षेत्र मे ठाकुर भू माफियाओं के विरुद्ध कार्यवाही न किए जाने को लेकर पर्चे बांटे। और जनसामान्य में अपनी शिकायत दर्ज कराई ।15,16,17 जनवरी को मैनपुरी की करहल विधानसभा में अखिलेश यादव के विरुद्ध मतदाताओं में पर्चे बाटेंगे।