दुखद कानपुर बड़ा हादसा 23 श्रद्धालुओं की मौत ‌‌ ,देवेंद्र चौहान

 कानपुर में अनियंत्रित होकर तालाब में पलटी श्रद्धालुओं से भरी ट्रैक्टर-ट्रॉली,23 श्रद्धालुओं की मौत 



कानपुर के थाना साढ़ के अंतर्गत श्रद्धालुओं से भरी एक ट्रैक्टर ट्रॉली अनियंत्रित होकर तालाब में पलट गई। हादसे में 23 श्रद्धालु की मौत और लगभग एक दर्जन श्रद्धालु घायल हो गए हैं।वही घटना की जानकारी होती मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तत्काल जिलाधिकारी व अन्य वरिष्ठ अधिकारियों को तत्काल मौके पर पहुंचकर युद्ध स्तर पर राहत व बचाव कार्य संचालित करने तथा घायलों के समुचित उपचार की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।


अनियंत्रित होकर पलटा ट्रैक्टर -


कानपुर के साढ़ थाना क्षेत्र के कोरथा गांव निवासी शृद्धालू ट्रैक्टर-ट्राली से फतेहपुर में चंद्रिका देवी देवी मंदिर गए थे।ट्राली में करीब 40 लोग सवार थे।देर शाम वापस लौटते समय साढ़ और गंभीरपुर गांव के बीच सड़क किनारे तालाब में अनियंत्रित होकर ट्राली पलट गई और सभी श्रद्धालु ट्राली के नीचे दब जाए वही चीज पुकार सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने घटना की जानकारी पुलिस को दी सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने ग्रामीणों की मदद से दबे शवों को बाहर निकाल कर तत्काल सीएससी भिजवाया जहां पर  25 श्रद्धालुओं की मौत हो गई है।जबकि कई अन्य श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हो गए हैं।


क्या बोले अधिकारी -


एसपी आउटर तेज स्वरूप सिंह ने बताया कि अनियंत्रित होकर ट्रैक्टर तालाब में पलट गया था। जानकारी मिलते ही तत्काल सभी घायलों को इलाज के लिए सीएसी से भर्ती कराया गया है।

Popular posts
चार मिले 64 खिले 20 रहे कर जोड प्रेमी सज्जन जब मिले खिल गऐ सात करोड़ यह दोहा एक ज्ञानवर्धक पहेली है इसे समझने के लिए पूरा पढ़ें देखें इसका मतलब क्या है
मत चूको चौहान*पृथ्वीराज चौहान की अंतिम क्षणों में जो गौरव गाथा लिखी थी उसे बता रहे हैं एक लेख के द्वारा मोहम्मद गौरी को कैसे मारा था बसंत पंचमी वाले दिन पढ़े जरूर वीर शिरोमणि पृथ्वीराज चौहान वसन्त पंचमी का शौर्य *चार बांस, चौबीस गज, अंगुल अष्ठ प्रमाण!* *ता उपर सुल्तान है, चूको मत चौहान
Image
एक वैध की सत्य कहानी पर आधारित जो कुदरत पर भरोसा करता है वह कुदरत उसे कभी निराश नहीं होने देता मेहरबान खान कांधला द्वारा भगवान पर भरोसा कहानी जरूर पढ़ें
महान कृषि वैज्ञानिक धरतीपुत्र डॉक्टर रामधन सिंह जी की जयंती पर नमन करते हुए विकास पवार भारसी
Image
जिंदगी का सफर-ये कैसा सफर कहानी क्या शिक्षा दे रही है वह बता रही है यह संसार ही समुंद्र है दंपत्ति का घर ही उसमें जलयान है यानी समुद्री जहाज है उसमें रहने वाले पति पत्नी मुसाफिर है और बच्चों को सही से इस भवसागर से पार तार देना कर्म नाम से जाना जाता है इसमें सफर कर रहे पति पत्नी पत्नी मोह के कारण डूब जाती है और पति ज्ञान रूपी नौका पर सवार होकर समुद्र से बाहर निकल आता है यह इस कहानी का सारांश या भावार्थ होना चाहिए आगे बता रहे हे सुंदर कहानी बता रहे है मेहरबान खान अपनी जबानी
Image